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मानसिक शक्ति।

१.––मन का वशीकरण।

जब तुम्हारा मन इधर उधर परिभ्रमण करे तो तुम्हें चाहिए कि तुम उसको बड़ी बड़ी समस्याओं पर लाकर स्थित करो।

(जेम्स एलन)

ब मनुष्य ईश्वर-प्राप्ति के मार्ग में पैर रखता है तो सबसे कठिन बात जो इस शिष्य को मालूम होती है वह मन को अपने वश में रखना है। यह कितना क्लिष्ट और कष्टसाध्य कार्य है, इसका केवल वे ही मनुष्य अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने इसके लिए कुछ परिश्रम किया है। जब हम विचारों को अपने आधीन रखने के सम्बंध में सोचते हैं तब हमें कुछ अनुभव होता है कि मन सदैव कितना उद्दंड और अशासित अवस्था में रहता रहा है और वह कैसे हर प्रकार की और