पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/२०९

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अकड़े इंदुनि बिछो इन बाई, डेंगळुन बैलिन् यहा हुन्छ की है । सहश्यदल १३८७७ रन रे अन्त तद बर# छ, ऊहत निरं जान । ब्द अदर वन , तदपि न नइच रेलइ । हृदयन मैं मुख्न अलि छ, दुइम भरी मुस्छ । कोड सधै सिरा. अति सुरंछ अछ, स ३ एतु अल न्वा स्लाइ दैॐ, । लाज ॐ हा काल र ऊँचे हैं ? श्ट फरको साने फिरत फब्ति कुले, दाल कृत्रि अवलोकिं भए झै हैं । मीर या मन के, छ । ॐ मर वारे, त्योर छारें वरु तरंग दृ तेरे हैं। माई गई चङ होम् चहुबान , . इरै औले रद मिली भद सानो कें । हारे, डर मारे, राहू द इयर रे, शाहन्द व्हाई कौन भरें परेसनी के ६