पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/३८०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३४४
मिश्रबंधु-विनोंद

नियंभु- विह जन्म-काछ—-१६३१ । । । कृषिलाकाख-१६४० । विवरण-साधारण श्रेसी ।। भाम---{ १६६ ) मानिकचंद । चन्म-क्राद्ध-१६०८ ! कदिताका--१६४० ] विवरण-~-साधारण श्रेणी । अक्ल । भजन कर्ता कवि । । नाम-( १७० } अमृतराय । ग्रंथ-महाभारत माथा । कविताकाल-१६४१ } विचरण--ये अकबर शाह के यहाँ थे । साधारण प्रणी । संवत् । | ११ १६ के लगभग एक और अमृतराय हुए हैं। { २१०६) । संभव है कि दोनों एक ही हों ।। " नाम- ५७१ } चेतनचंद्र ।। . ग्रंथे--अश्वावनोद शालिहोत्र। कविताकाल- १६४१ ।। बिबरण---राज कुशलसिंह सेंगर की आज्ञा से ग्रंथ बनाया। | खोज में इनका संवत् १८१० निकलता है [ द्वि० : नाम--१ १७२ ) हरिशंकर द्विज। ग्रंश----अगणेशजी की कथा चारि युग की [ प्रः त्रैः रि० 1 ! कवितावाल-१६४।। विक्श-राजा यरजेरसिंह इनके आश्रयदाता थे। नाम-{१७३) उदेसिंह महूाराजा साढ़सर है . . .।