पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१३३

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भूपकात ] लक़त किरए । नाम-(४५५) अभू चौवे आगरा ! अन्य सुपरस्य | कवितावाल-१७२७। विचरचो . सं० २६us | विषय ऋगार । नाम-(६५६) विष्टदास, कायक्ष पन्ना । अन्य-एकादशहारम् । कवितावल–१७२७ । विवरण–साधारण । नाम-(४५७) रिस फेछ । | प्रम्य तवमुकुता बीं। कताकाल-१७२७ । चिघर-बरेलीवासी । नाम (४५८) त्रिलोकदारा। अन्ध-भज्ञनावी । कविताकाल-१७२९, के पूर्ण । ममि (६५६) सुदर्शन क्वायम्य इमीरपुर। । अन्ध–(१) चिकित्सादर्पण, (5) मिपञ्जभियो। मिनाकछि–७२९ । त्रिवर–मुजानतिंद उड़ा-नरेश के यहाँ धे। निर में घंटो) • नाम-(६६५) प्यदास दतिया ।