पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१३४

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११३ मिन्नन्धुबिना। [सं० १५६५ मन्थ—(१) दानीला, (२) तज्ञा की कया (१७३०), (ॐ पद, (४) महालक्ष्मी की क्या (१७५३), (५) पिपचिम-कथा, (६) एकादशी-माहात्म्य, (७) हरिश्चन्द्र-वथा । रचना-काल--१७३९! विघर-हीन अंगी। नाम-(४६१) कुमक्रय चरित्र मारवाडे । अन्य-जनमासा झो० स० ३६५० चिना-काल--१३० गभग। विवर–राठौर रतनसिह के अरगजे व से लड़ने का इाल । नाम--(४६३) चतुरांस ६ राना। जन्म-सचद्-१७:१।। चनी काल३०।। विवरण-अडी चा में रचना की है, जो निम्न में भी की है। नाम--(४६३) होत परि । जन्म-सब--१६०५ चना-काल-१३०। विवरण सार्धारण भै ण । नाम-(१६४) वैयदत्त कुमार जी के पास। मन्थ-पैगरीय जन्मसयतु-६७०३।। रचना-ह-३० | विवर–साधारण ४ी।