पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४३

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११६ मिधयन्नाद्ध। [सं० १८२७ । नाम-(७८४) मताध । अन्ध-पशिस ।। रचनाफल-१८०९ | विवरण-साधार थे। इन्हों ने हिन्दूपति की प्रशंसा की है, जिनके यह दास कवि थे। इन्होंने उन्हें राजा के स्थान पर घादाइ लिख दिया है। नाम (७८५) भाईदास मुन्शी। रचनाकाल--१८९० } नाम-(७८६) मीर अहमद बिमाम । अन्य स्फुट। रचनाकारू–१८३७ । नाम–११७८७) मूरतिसिह लांडी घालाघाट। ग्रन्–१) दुर्गापाठ भाप, (२) तीर्थों के कविच! रचनाकार-१८००) नाम-(८८) रतनवीर भन्नि । १चनाकाल--१८ss | नार्म-(७८६) सिचद। प्रन्ध फुटकाभ्य । रचनाका–१८७० | विवरण–मक कवि थे। नाम (५६) रसिकानन्दलाए ।