पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४६

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दास-राज ] बरालंकृत कर । |घमाकाल-६८०१1। [विवरण सती हो गई थी। नाम---(६०५) सुखप्तामर सपनाम सदासुम्छ । अन्य-(भ्रमरगीत (२) यारामासी, (३) विष्णुपुराण भापा, (४) राधाविहार।। रचनाकाल-१८०१ से १८८२ तफ। विवरण–इनकी कविता देखने में न आई । नाम (८० ६) जुगुलकिशोर भट्ट विल्ली । कैयाल जिल्ला करना । नग्ध--(१) अलंकारनिधि, (२) किरसंमए । रचनाकाल—१८०३।। विवरण–साधारण धे यो । इन्हें मोम्मदशाह ने राजा की पपी दी। नाम-८०७} तालिब अळी ( रस नायका} बिलम् । अन्ध स्फुट । रचनकाल–८७३। नाम-(८०८) मझनाप साँची ज़िला हुदैई। रचनाकार--१८०३ । नाम-(८०६.) मप्रसाद बन्दीजन विप्रा । अन्य-१) डैमिनपुराय मरपा, (३) जुगल पद । रचनाकाल-१८०६। विपररासघार ।