पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४७४

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उत्तराजकृते प्रकरण । जन्मकाल-१८८३। कविताकाल-८३० । विवरण–टाड साहब ने इनकी सहायता से राजधान बनाया। नाम-(१५ ४ ६) मदनसिद। प्रन्थकर्मचिपक। कचिताकाळ-१८४१ के पूर्व । नाम-(१ ० ४५) राम वैष्णव भावाप्र रामानुज । अन्ध--(१) नाविन्दमन्द्रिका, (२) हनुमपचीसी । कविताकाल-१८४५। नगर–साधारण घ् । विविध छन्दै में प्राकमा २५०४ छन्द द्वारा बात है। नाम-(१ ० ४८) बहादुरसिंह। Fu-याल । कविता-काल--१८६१ । बिबरण यै महाराज कृष्द्र के राजा थे। नाम-१०१६) मनबध घाजपेयो माछीय। अन्य-भैरवभज्ञन । साविता काल-१८४१ ।। मित्र—पिता का नाम रोमर्यालि धी। माम–११०५०) जैठामल। अन्ध-नारचरित्र । कविता काय--१८४२.!