पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४८२

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रामफाइ ] अन्य फावार । कविता-काल--१८५१ के पूर्व । नाम--(१०६१) सुलसीजी । श्रन्थ-(५) गमाला, (२) आठ सात्विक, (३) स्फुट पद । कविता-साल-६८५१ के पूर्व । नाम-(१०६, २) विष्णुदास । ग्रन्थ-राइटी ।। कविताकाल–१८५१ । नाम–११०६३) काशीराम वैदेलराधी । ज्ञग्मफल-१८२६ । कविता-काल-१८५२। विवरण-नम्न श्रेणी । नाम (५०६४) गैपाळराय बंदोजन । झन्(१) धाशिनत्र (१८९१) (वल्लभट्स के शिखनन पर | टीका ), (२) सुदामाचरित्र ( १८५३}। कविवकाल—२८५३1 विधर नरेन्द्रलाल शाह और दिल में हैं प समय है। नाम-(१०६५) रतनदास, श्री सेरफवास के शिष्य। मन्थ-(१) चैरासी की ठोका (८२२ भार पृष्ठ), (६) सेवक बानो को दफा, (३) स्वरोदय की टीका। | | कविता-काल-६८५३ । | चिवर-छतरपुर में है। कार्ये गद्य में है।