पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५३९

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१६८ |भिप्रवन्नुविना; । { १५ कविताका–१८६७।। ना=(११६२) यरूप पनि । अन्ग–अलवरचन्द्रोदय । कविताकाल—-१८६७ । नाम-(११६३) भगवादासे । अन्य-(५) मिरसायन सिंगल, (२) भगयतचरित्र] कविताकाल--१८६८।। विसरग्य-साधारय मेगा । नाम-(११६. ४) गंगादास चंदैछ क्षमिय। सन्थ--(१) वसुमिरी, (२) शवार, (३) महडिग्मी जुने पः । धनिज्ञापाल–१८६९।। विचरण सिंघ के पुत्र नपनदान के शिम्य । नाम-(११६५) आनदरस फायल। अन्ध-(१) जमितीसी, (२) फुट दैउद्दा, कावेरी र पद ।। कविताका–१८६९, ! चियरदतियानश महाराजा परीक्षित के यर्दा वै। साथरस । सानुप्रास कविता । नाम-(११६६) प्रयामदास भोट, घसीरी, फज्य छतरपूर। अन्य-१) हिपईश, (२) शत्रज्ञायली (१८६६)। कविताकाल १८६६।