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मिश्रबंधु

सं० १६११ पूर्व नूतन २८३ - ग्रंथ-शब्द-बोध-पिंगल । जन्म-काल-सं० १९२६ । ) द्विजगंग (गंगाधर ) अवस्थी। यह दासापुर, जिला सीतापुर-निवासी थे। श्रापका कविता-काल सं० १९५१ से था। नापका हाल बलदेव (नं० २०८८) कवि के वर्णन में है। वहीं इनका नंबर भी पड़ गया है । नाम--( ३६६३) प्रद्युम्नसिंह ( रईस)। जन्म-काल--सं० १९३४ । रचनाकालसं० १९५५ । ग्रंथ-{१) नागवंश, (२) दर्शन (प्रकाशित है)। विवरण - खैरागढ़-राज्य मध्यप्रदेश के वंश में हैं। विविध सतों के ज्ञाता तथा सनातनधर्मी एवं गद्य-लेखक हैं। नाम--(३६६४) बालमुकुंद पांडे, बलुआ, सारन । जन्म-काल-सं० १९२६॥ ग्रंथ-~(१) गंगोत्तरी-नाटक, स्फुट लेख सामयिक पत्रों में। विवरण-आपके पूर्वज जगतपुर में रहते थे। यह कलेक्टर कोर्ट गोरखपुर में चीफ रीडर हैं। नाम-(३६६५) बाबासाहब सजमदार । ग्रंथ-(१) अमृत-संजीवन-चैधक, (२) ज्वर-चिकित्सा- प्रकरण, (३) स्त्री-रोग-चिकित्सा, (४) उपदंशारि [ हिनरि०] । नाम-( ३६६६ ) विश्वंभरदत्त ब्राह्मण, नागपुर, पोष्ट टिकैतनगर। जन्म-काल-सं० १९२६ । ग्रंथ-(१) वृत्रासुर-कथा श्रीभागवत से । नाम-(३६६७) सीताराम मिश्र । कविता-काल-सं० १९५१ ।