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मिश्रबंधु

२८२ मिश्रबंधु-विनोद सं.१९५० . समय-संवत् १६५१ नाम-(३६८६) गणपति मिश्र, नोखा, आरा। ग्रंथ-मुक्ति मार्ग-प्रकाश, (२) सुतानंद-प्रकाश, (३) चतु- वर्णन, (४) सिद्धेश्वरी-स्तोन्न-अभिषेक । जन्म-काल--सं० १९२६ । विवरण-वैदिक उपदेशक । नाम--(३६६०) गौरीशंकर भट्ट, कानपुर । ग्रंथ---आफ्ने १० छोटे-छोटे ग्रंथ लिखे, जिसमें अलंकृत अक्षर लिखने के भी ग्रंथ हैं। जल्स-काल-सं० १९२६ । विवरण-भूतपूर्व संपादक भट्ट भास्कर । नाम-(३६६१ ) छंगालाल मिश्र, मैनपुरो । जन्म-काल-सं० १९२६ के लगभग । ग्रंथ-(१) मैनपुरी-राज्य का इतिहास (छंदोबद्ध अनुवाद), (२) उजड़ ग्राम Goldsmith's Deserted Village | (३) गंगा-लहरी, (४) अभिमन्यु-वध, (५) सकाले की वर्जिनिया। विवरण -श्राप पं० भगवानदासजी के पुत्र चतुर्वेदी ब्राह्मण हैं। आगरा-कॉलेज में उच्च शिक्षा पाई। कुछ समय तक मैनपुरी- नरेश के निजू अमात्य तथा राजपुत्र के शिक्षक थे। आपका निम्न- लिखित छंद गंगा-लहरी के एक श्लोक का अनुवाद है। इकबार कढ़ी जटा जूटन सों नियरे शिव-शीश बिहार ठयो; यह पेखि अलिंगन प्रेम वि. गिरिजा-चित क्रोध अपार भयो । चख लाल भए, कहि जात नहीं, बहु डाह जो सौति समाइ गयो भवतें जननी विजयी लहरै जिनको शिव शीश उठाइ गयो। नाम-(३६९२) जागेश्वरप्रसाद कायस्थ, मैहर, मदनपुर। .