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मिश्रबंधु

सं० १६१६ पूर्व नूतन अंथ-(8) विनयपचीसी, (२) हनुमान-पैतीसा, (३) भग- वद्गीता का अनुवाद भाषा । नाम---( ३८२४) रामशरण गुप्त 'शरण' बी० ए०, जोधपुर (मारवाड़)। कविता-काल-सं० १९५८ । ग्रंथ-(१) पतिव्रतादर्श ( दमयंती), (२) शरणेश-विनय,(३) शरणेश-देशोद्धार, (४) शरण-प्रेमोद्वार, (२) शरण-कौतूहल (अनुवाद), {६) मातृ-वंदना (अनुवाद), (७) शरणोनिमाला, (८) शरण- विचारमाला ( गद्यमाला), (६) शरण-पाल्पमाला, (१०) शरणो- ल्लेख, (११) मित्र-मंडली (उपन्यास), (१२) वैदिक धर्म, (१३) संस्कृतानुवाद (पाशालोपयोगी पुस्तक ) । विवरण-श्राप श्रीयुत गाबू ललिताप्रसादजी के पुन तथा लाला विहारीलालजी के पौत्र हैं। हिंदी-साहित्य में आपको अपनी . बाल्यावस्था से ही रुचि थी। ऊपर दिए हुए शरणोल्लेख-नामक ग्रंथ में अपने प्रात्मजीवन- चरित्र पर लिख रहे हैं। वास्तव में आपका मुख्य निवास स्थान वामोली, जिला अलीगढ़ है, किंतु इस समय आप जोधपुर में हेडमास्टरी के पद पर होने से वहीं रहते हैं। समय-संवत् १६५६ नाम-( ३८२५ ) केदारनाथ, बस्तर-स्टेट । जन्म-काल-सं० ११३८ । रचना-काल-सं० १९५६ । ग्रंथ-(१) विपिन-विज्ञान, (२) बस्तर-भूषण, (३) वसंत- विनोद, (४) मैथिलवंश-वार्ता, (१) श्रीसत्यनारायण । नाम-(३८२६ ) गोविंददास (दास), खंगार, छतरपुर।