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मिश्रबंधु

सं० १९७३ उत्तर नूतन जन्म-काल-सं०१९४७ । ग्रंथ-(१) मसासिरुलडमरा ( लगभग ३०० हिंदू-सरदारों ( की जीवनियों का फ़ारसी से हिंदी अनुवाद), (२) बुंदेलखंड का इतिहास, (३)फ्रेंच-जाति का इतिहास । संपादित ग्रंथ (१)सुजान चरित्र, (२) रहिमान-विलास, (३) भ्रमर-गीत (नंददास-कृत), (४) सुद्राराक्षस, (५) भाषा-भूपण (महाराजा यशवंतसिंह-कृत ), (६) खुसरो की हिंदी कविता, (७) प्रेम- सागर, (८) रास-स्वयंवर इत्यादि। विवरण-यह वैश्य-कुलोत्पन्न श्रीयुत बलदेवदासजी के सुपुत्र हैं। भारतेंदु बाबू हरिश्चंद्रजी की एकमात्र पुन्नी विद्यावती इनकी माता थीं। आपको इतिहास से प्रेम और संपादन-कला में अच्छी सफलता प्राप्त है। तुलसीदास-प्रथावली के तीन संपादकों में से यह भी एक रह चुके हैं । साहित्यिक गौरव पर आपका वंश-परंपरा- गत अधिकार है। समय-संवत् १९७३ नाम-(३६७५) अंबिकादत्त त्रिपाठी, ग्राम खेमोपुरी, तह- सील अहरौला, जिला आजमगढ़। जन्म-काल--.सं.१९५५ । कविता-काल-सं० १९७३ । मंथ-(.) सीय-स्वयंवर ( नाटक), (२) भंग में रंग, (३) आदर्श वीरांगना-नाटक, (४) चलो, (५) चुगल-चालीसा, (६) अहिंसा-संग्राम, ६ ७ ) एक न-एक (%) भीष्म-प्रतिज्ञा। विवरण- यह महाशय पं. गुरुदीनजी त्रिपाठी के सुपुत्र हैं। इन्होंने काव्य-कला की शिक्षा अपने भाई पं. जयगोविंदजी से प्राप्त लगा रहता है,