पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ४.pdf/४६४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
४६४
४६४
मिश्रबंधु

सं. १९० उत्तर नूतन नाम-(१९८६) राजेंद्रप्रसाद एम्० ए०, एम्० एल० । जन्म-काल-सं० १९४१1 रचना-काल-लगभग सं० १९७० । प्रथ-(2) चंपारन में महात्मा गांधी, (२) अर्थशास। विवरण-श्रापका जन्म सारन-जिलांतर्गत जिरादेई-ग्राम में हुआ। विश्वविद्यालयों की उच परीक्षाओं में श्राप प्रायः प्रथम रहे हैं। 'देश' नामक विहार का साताहिक पत्र श्राप ही का निकाला हुआ है। हिंदी-साहित्य से प्रापको विशेष रुचि रहा करती है। नाम-( ११८७ } राधाकृष्ण झा एम० ए०, कहलगांव, भागलपुर। जन्म-काल-सं० १९४५ रचन:-काल-लगभग सं० १९७० । मृत्यु-काल----सं० १९८३ । मंथ-(१) भारत की सांपत्तिक अवस्था, (२) भारतीय शासन- पद्धति । विवरण-श्राप पटना-कॉलेज में कुछ समय तक प्रधान अध्यापक तथा बिहार-प्रांत में शिल्प-कला-विभाग के भूतपूर्व प्रधान थे। सामयिक मासिक पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख प्रायः निकला करते थे। यों तो आपने बहुतेरे अंथ रचे हैं, किंतु उनमें से सुख्य दो ऊपर दे दिए गए हैं। [श्रीयुत मंगलाप्रसादसिंहजी द्वारा ज्ञात ] नाम-( ४१८८) रामकुमार गोयनका । प्रथ-ऐतिहासिक लेख । विवरण: [---श्राप कलकत्ता-कार्पोरेशन के सदस्य तथा विद्या व्यसनी महाशय हैं। नाम---( 1 ) लक्ष्मीदत्त त्रिपाठी, कुदौली, नरवल, कानपुर।