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मिश्रबंधु

५६० मिश्रयंधु-विनोद -सं० १९७७ चक्र नाम-(४४०१) गौरीशंकर द्विवेदी। जन्म-काल-सं० १९५७ । रचना-काल-सं० १९७७ । ग्रंथ-गला-दिनचर्या का अनुवाद । विवरण-गोरखपुर-जिले में जन्म । सं० १९८४ में हिंदी-साहित्य- सम्मेलन की उत्तमा-परीक्षा में उत्तीर्ण । तृतीय खंड शास्त्री-परीक्षा पास हैं । इतिहास और दर्शन के अध्यापक थे। सं० १९८७ से 'कल्याण' के सहकारी संपादक हैं। उदाहरण- अनंत गीत कल-कल कल-कल बहती जाती संस्त सरिता अविरल । विश्व विहीन सुनील शून्य थल; पथ अनंत छाया है अविचल । निरालंव अगणित सिकता तल; होता झिलमिल झिलमिल झिलमिल। नाम-(४४०२) पिंगलसिंह। ग्रंथ-भाव-भूषण । विवरण-आप प्रथम सिहोर में रहते थे, किंतु अब भावनगर में रहते हैं। उन ग्रंथ आपने भावनगराधीश महाराजा भावसिंहजी के नाम से बनाया है उदाहरण- यौवन उमंगवारी, बारिज-से नैनवारी, अमृत-से बैनवारी, हाव-भाव भारी है; मदन हुलासवारी मंद-मंद हासवारी, बदन प्रकासवारी चंद उजियारी है। 1