पृष्ठ:मुद्राराक्षस नाटक.djvu/१९५

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विष्णुगुप्त चणिक्य—यहाँ जाति के ब्राह्मण बड़े नीतिज्ञ, वैद्यक, ज्योतिष तथा रसायन आदि के पण्डित थे। (विशेष कथानक से)

चन्द्रगुप्त—नन्द का सातवाँ पुत्र शूद्रा के पेट से पैदा। (विशेष कथानक से)

महानन्द―नन्द वंशीय मगधदेश का राजा था। (विशेष कथानक देखो)

सर्वार्थसिद्धि―यह राजा नन्द का भाई था। इसको राजा के मरने के पश्चात् राक्षस ने गद्दी पर बैठाया था पर चाणक्य के पर्वतेश्वर से मिल कर चढ़ाई करते समय जीवसिद्धि ने राज्य से चाणक्य का डर देकर जङ्गल को भगा दिया वहीं मरवा भी डाला।

वक्रनास―महानन्द से पूर्व नन्द वंश का मन्त्री।

शकटार―यह नन्द वंश का मन्त्री था तथा जाति का शूद्र था। (विशेष कथानक से)।

विचक्षणा―राजा नन्द की दासी थी (विशेष कथानक से)

राक्षस―जाति का ब्राह्मण तथा शकटार के सहायक के रूप में काम करता था। परन्तु शकटार के पीछे प्रधान मन्त्री हुआ। नन्द वंश के नाश होने पर चाणक्य तथा इनकी नीति की चोटें हुई।

प्रियंबदक―यह राक्षस का सेवक था।

चन्दनदास―यह पटने का जौहरी राक्षस मन्त्री का हा मित्र था। तथा चाणक्य ने राक्षस का कुटुम्ब इससे मागां परन्तु इसने नहीं दिया अतः इसे फाँसी की आज्ञा हुई थी।

जिष्णुदास―चन्दनदास का मित्र था।