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पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/११८

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मेरी आत्मकहानी
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(७) रामगीतावली और कृष्णगीतावली की रचना-

जब सोरह सै वसु बीस चढ्यो।
पदजोरि सबै शुचि ग्रंथ गढ्यो।
तिसु रामगितावली नाम धरयो।
अरु कृष्णगीतावलि राँधि सरयो।।

(८) रामचरितमानस की रचना-

तस इकतीसा महँ जुरे, जोग लगन ग्रह रास।
नौमी मगलवार बुध......
यहि विधि भा आरंभ,रामचरितमानस विमल

(९) दोहावली की रचना-

... ... चालिस संवत लाग।
दोहावलि संग्रह किए......

(१०) वाल्मीकीय रामायण की प्रतिलिपि-

लिखे वाल्मीकी बहुरि, इकतालिस के माँह।
मगसुर सुदि सतिमी रवौ, पाठ करन हित ताहि।।

(११) तुलसीसतसई की रचना-

माधवसित सियजन्म तिथि, बयालिस संवत बीच।
सतसैया वरनै लगे, प्रेम वारि तें सीच॥

(१२) टोडर की मृत्यु-

सोरह सै उनहत्तरौ माधवसित तिथि धीर।
पूरन आयु पाइकै, टोडर तजै शरीर॥

फा०८