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पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/२७१

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मेरी आत्मकहानी
 

इस निश्चय के अनुमार कार्य करने के लिये कुछ नियम भी बनाए गए पर वे कलाभवन के अध्यक्ष को स्वीकृत न हुए और उन्होंने नए प्रस्ताव दिए। इस बीच में मैंने एक नोट (१-७-३६) में अर्थ-मंत्री को इस प्रकार आदेश दिया―

I think the Financial Secretary should excrcise rict supersision in all financial matters. He Should not allow any bungling in any department Of Sabha

इस “धगलिग” शब्द पर गय कृष्णदास तथा डाक्टर मोतीचंद को विशेष आपत्ति हुई। Bungle शब्द का अर्थ आक्सफोर्ड एनसाइज डिक्शनरी में इस प्रभार दिया है―“(make) clumry Work, confusion, blunder over, frul to accomplish task)” राय कृष्णदास ने अपने प्रस्तावों को भेजते अपने १५ जुलाई १९३७ के पत्र में यह लिखा था―

“यदि मेरे प्रति आपके मन में अविश्वास है तो मैं सहर्ष कलाभवन के कामो से अलग होता हूँ। मेरी सारी सद्भावना उसके साथ है और रहेगी; दूर से। मैं इसका इच्छुक नहीं कि आप अपनी इसी मनोवृत्ति के लिये ‘मार्जन’ तो कर लें किन्तु आपके अत करण में वह चुभती रहे। ऐसी दशा में तटस्थ होकर मैं ईश्वर से यह प्रार्थना करना उचित समझता हूँ कि वह आपको मुझे पहिचानने की सुबुद्धि दे।”

डाक्टर मोतीचद ने एक लंबे पत्र में मेरे इस कथन पर आपत्ति करते हुए लिखा था―