अपने अपने स्थानों की बातों से परिचित,देश के सभी भागों से आये हुए लोगों की साक्षी से जो उन्होंने असहयोग जांच कमेटी के सामने दी है देश की वर्तमान महत्त्वपूर्ण परिस्थितिक सम्बन्ध में ये बाते प्रमाणित होती हैं-(१) राजनीतिक स्वत्वों और विशेष अधिका -रों के विषय में जन समूह की सामान्य जागृति (२) वर्तमान शासन प्रणाली में श्रद्धा का 'पूर्ण अभाव (३) यह विश्वास कि भारत अपने ही प्रयत्ना से स्वतन्त्रता की आशा कर सकता है। ४) यह धारणा कि राष्ट्रीय सभा ही एक ऐसी संस्था है जो स्वतन्त्रता पाने के निमित्त राष्ट्रीय प्रयत्न में हमारा पथ प्रदर्शन कर सकती है। (५) लोगोंको भयभीत करने में दमन नीति की सम्पूर्ण असफलता।
यह सत्य है कि भिन्न भिन्न नगरों नथा भिन्न भिन्न प्रान्तों में ( राजनीतिक) वातावरण की विभिन्ननाए उस मात्रा में दूष्टिगोचर होती थी जिसमें कि सरकार द्वारा छोड़े गये दम नीति के ठण्ड प्रवाह का प्रयोग प्रायः अविच्छिन्न रूप से उसके स्थानीय कर्मचारी उससे भी अधिक ठण्डी अपनी निजी करामातो समेत या उनके विना ही किया करते थे।