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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/११९

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नीय अमहयोग की मांगों को कार्य में परिणत किये जाने योग्य नहीं समझते तोभी, इस बातकी उपेक्षा करना संभव न हो सका कि असहयोग आन्दोलन राष्ट्रीय भावों द्वारा परिचालित और समर्थित है एवं मुसलमानों की वे धार्मिक भावनायें भी उसका साथ दे रही हैं जो उन लोगोंपर भी अपना प्रभाव डालती हैं जिन्होंने उसका कार्यक्रम स्वीकृत नहीं किया है ।"


शास्त्रीजीको सरकारकी अविश्वसनीयता और अप्रामाणिकताका

आभास

इधर कुछ दिनों से जनताके वास्तविक भाव उन लोगों की छोडकर जो देखना हो नहीं चाहते, अन्य सब लोगो को म्पष्ट देख पड़ रहे है। हालमे भारतवर्ष के आर-पार यात्रा करते समय स्वय शास्त्र ती भी इसका आभास प्राप्त किये विना न रह सके। गत अप्रेल मानमे बम्बई को सभामे सम्मिलित अपने 'उदार दलवाले' भाइयोंके सामने उन्होने कहा था कि सर- कारमें इतना गहग अविश्वास, उसकी सचाई के प्रति श्रद्धाका मम्पूर्ण अभाव, उसकी आज्ञाओ एवं घोषणाओको निःसार समझकर उनको उपेक्षा करनेकी इतनी प्रबल प्रवृत्ति मैंने आज. की तरह पहले कभी नहीं देखी थी ।"

परोपकारिताके साधन

एक पखवाड़े के बाद वाइसरायके निवास स्थान पर भोज समाप्त होने के पश्चात् उन्हीं महाशयने उन कर्मचारियों की