महात्माजी का जन्म १८६९ के अक्तूबर में पोरबन्दर में हुआ था। आप बेश्य कुलके हैं। आपके पिता कर्मचन्द गांधी पोरवन्दर राज्य तथा राजकोट रियासत के दीवान थे। आपकी शिक्षा काठियावाड़ हाई स्कूलस आरम्भ होकर, लण्डन स्कूल और इनर टेम्पल में समाप्त हुई। जिस समय महात्माजी केवल आठ वर्ष के ये उनकी शादी कस्तूरीबाई के साथ हो गई थी। विलायत से लौटकर महात्मा जाने बम्बई हाईकोर्ट में बेरोष्टरी शुरू की। तीन वर्ष वकालत करने के बाद वे १८६३ में दक्षिण अफ्रिका के लिये प्रस्थान कर गये। पहली बार वे दो वर्ष बाद ही अर्थात् १८६५ में ही दक्षिण अफ्रीका से लौट आये। भारत में उन्होंने दक्षिण अफ्रिका में भारतीयों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा था, उसके लिये घोर आन्दोलन उठाया। जिस समय ये दक्षिण अफ्रिका में पुनः पहुंचे वहां के सफेद निवासी इतने उत्तेजित हो गये थे कि इनकी प्राण लेने की हा व्यवसा करने लग गये। वे बुरी तरह पीटे गये। यदि पुलिस सुपरिटेण्डेण्ट की फ्नोने इनकी रक्षा न की होती तो ये कदाचित जीते न बचते। इसी के बाद जिस समय बोउर युद्ध आरम्भ हुमा महात्माजी ने भारतीयों का एक सेवा दल बनाया और मुर्दो तथा माहतोंके
पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/१६
दिखावट