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सत्याग्रहकी मीमांसा

इस उपायका अवलम्बनकर मैं अपने पिताके साथ सिवा न्यायके और कुछ नहीं कर रहा हूं। यदि मेरे निम्नलिखित कथनसे कमेटीकी किसी तरहकी हटक इजती न हो तो मै जोर देकर कह सकता हूं कि मैंने सदा इसी नीतिका अवलम्बन किया है और इसे सदा लाभदायक पाया है। यही कारण है कि मै इस नीतिकी शिक्षा देनेमें और भी अधिक दत्तचित्त रहता हूं । यदि उपरोक प्रकारसे अपना मत स्पष्ट कहकर मैं अपने पिता और मित्रका किसी तरहका अपमान नहीं करता तो मैं सरकारका भी किमी तरहका अपमान नहीं करता।

प्रश्न-रौलट ऐकृके विराधके लिये सत्याग्रह आन्दोलनको आरम्भ करते समय आपने सारे भारतवर्षमे हड़ताल मनाये जानेकी अनुमति दी थी। उस हड़तालके दिन हरतरहका कार. वार बन्द होना था और जनताको अपने आचरणोंद्वारा यह प्रगट कर देना था कि वह सरकारकी इस कार्रवाईको नापसन्द करती है। सर्वव्यापी हड़ताल के माने देशभरमे हड़तरहके कारवारको बन्द कर देना है । क्या इससे भयानक विपत्तिके उपस्थित होनेकी सम्भावना नही थी?

उत्तर-यदि कारोवार अधिक कालतक बन्द रहे तो किसी प्रकारके विपत्तिकी सम्भावना हो सकती है।

यहाँपर महात्मा गाधीने यह बतलाया कि किस प्रकार कुछ प्रान्तोंमें २० मार्चको ही हड़ताल हो गई और शेष स्थानोंमें । अप्रेलको हुई। आपने बतलाया कि इसका कारण लोगोंका