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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/२०६

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सत्याग्रहकी मीमांसा

उत्तर–सरकारके साथ युद्ध करनेका दोष लगाकर अभि- युक्तोंको दण्ड देनेमें सरकारने भीषण भूल की। यह निःसंकोच स्वीकार किया जा सकता है कि उन खास अदालतीने कानूनोंका जिस तरह प्रयोग किया था उस तरह उनका प्रयोग किस असम्य देशमें भी नही हो सकता। अभियुक्तों पर जो दफायें लगाई गई थीं उनकी चर्चा भी नहीं की जानी चाहिये था । अभियुक्तोंका विचार करनेमे बड़ी जल्दोबाजी कीगई और इससे लोगों की बड़ी दुर्दशा हुई और कठिन यातनायें भोगनी पड़ी जिनका न ता कोई परिमाण है न हिसाब है। अहमदा. बादको गरीब और निर्धन जनतापर बेशुमार जुर्माना लगा दिया गया है और जिस प्रकार यह जुर्माना वसूल किया जा रहा है वह आवश्यकतासे अधिक कठोर और उत्तेजक है । मैं दृढ़तासे कह सकता हूं कि आपने मिस्टर अम्बालालका जो मत अभी उद्धृत किया है उससे मेरा घोर मत भेद है। और मैं यह भी दृढ़तासे कह सकता हूं कि इस तरहका मन प्रगटकर मिस्टर अम्बालालने अपने देशभाइयोंके साथ घोर अन्याय और अतिशय ज्यादती की है। मेरी समझमें बंरजडिह और नदियादमें अतिरिक्त पुलिस रखकर सरकारने बड़ी भूल की और किसी भी तरह वह अपने इस नीतिका समर्थन नहीं कर सकती । नदियादके कलक्टरने जो दलील पेश की है उसको पढ़नेसे स्पष्ट मालूम हो जाता है कि उसमें कोई सार नहीं है, और प्रतिहिंसाके भावसे प्रेरित होकर इतना अधिक जुर्माना