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सत्याग्रह आंदोलन


ने लगा। इसी तरह प्रेमका अन्तर्राष्ट्रीय जाला अनन्त काल तक फैले, उसके फैलनेमें अधिक समय लगे पर अमरीकाके प्रजातन्त्र दलने जिस अन्तर्राष्ट्रीय असहयोगकी व्यवस्था की है उससे सच्ची उन्नतिकी सम्भावना है और इसके द्वारा सभी प्रश्न हल हो सकते हैं।


इसके संबंधमें सबसे प्रधान संवाद आयलैंण्ड विषयक अफवाह है। लण्डनके आवजर्वर पत्रने लिखा है कि ब्रिटिश सरकारके मन्त्री आयलैंण्डसे मार्शल ला उठाकर, सैनिक बलका प्रयोग न कर उसके साथ पूर्ण असहयोग करना चाहते है। उसने लिखा है कि जबतक आयर्लेण्ड अपना होश नहीं सम्हाल लेगा उसे एक दमसे छोड़ दिया जायगा और उपेक्षाकी दृष्टिसे देखा जायगा। न तो वहां पुलिस रखी जायगी, न सेना रखी जायगी, न तो व्यवसाय रहेगी, न तो शिक्षाका प्रबन्ध रहेगा, न मालगुजारी रहेगी, और न रेलवे रहेगी। शासन व्यवस्थाका एक दमसे वहिष्कार किया जायेगा। सत्याग्रहकी यही खूबी है। किसी संग्राममें कोई भी दल इसका उपयोग कर सकता है। उसमे नियन्त्रणके साधन है जो आपसे आप उस दलकी सत्यनिष्ठा और न्याय परायणता व्यक्त करते हैं और ये उसीके लिये लाभदायक हो सकते हैं जिसमे सत्य और इमानदारीको अधिक मात्रा पाई जाती है। इसका प्रयोग राजा और रंक सभी बराबर कर सकते हैं। राजा और प्रजा दोनोंके लिये वे बराबर हैं। यदि राजा सच्चा है और प्रजा भ्रममे है और बदनि-