इस स्थानपर रावसाहबके प्रत्येक प्रश्नोंपर विचार नहीं किया जा सकता फिरभी खास खास प्रश्नोंको लेकर उनका दिग्दर्शन कराना आवश्यक है। रावसाहबने पूछा है :-"क्या बम्बई सरकार बतला सकती है कि अहमदाबादमें किस तारीखको और किस समय मार्शल ला जारी किया गया तथा किस तारीखको और किस समय उठा लिया गया ?" सरकारने इस प्रश्नका कोई उत्तर नहीं दिया है। हमारी समझ में नहीं आता कि बम्बई सरकार इतने साधारण प्रश्नका उत्तर देनेके लिये क्यों तैयार नहीं थी? यह प्रश्न केवल एक घटनाको प्रश्न था और इससे मार्शल लाके जारी करनेकी उपयोगिता या क्षमताके प्रश्नसे कोई सम्बन्ध नहीं था। पर बम्बई सर-कारने इस प्रश्नका उत्तर देना भी उचित नहीं समझा।
रावसाहबका दूसरा प्रश्न था-"क्या बम्बई सरकार उन लागोंका नाम, पता, अवस्था, जाति और वल्दियत बतला सकती है जिन्हें अहमदाबादमें गोलियोंका शिकार होना पड़ा है ?" ऐसे प्रश्नोंका उत्तर न देनेके सरकारके पक्षमें कोई भी यथेष्ट कारण नहीं दिखाई देते। पाठकोंको स्मरण होगा कि बड़ी व्यव.स्थापक सभाकी सितम्बरकी बैठकमें पण्डित मदनमोहन मालवीयने भी इसी तरहका प्रश्न किया था। उनके निम्न लिखित शब्द थे:-"क्या भारत सरकार बतलावेगी कि पंजाबकी दुर्घटनामें मार्शल लाके शिकार होकर कितने लोग मर गये,कितने लोग आहत हुए, उन आहतों से कितने मरे और