पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/२९२

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हण्टर कमेटीकी जांच

(दिसम्बर १७, १६१६ )

महमदाबाद और खैरागढ़के उपद्रवके सम्बन्धमें रावसाहब होरालाल देसाईके प्रश्नका बम्बई सरकारने जो उत्तर दिया है उसे पढ़कर प्रत्येक व्यक्तिको दुःख होगा, क्योंकि उसे पढ़-कर प्रत्यक्ष हो जाता है कि सरकार सञ्ची बातका दिग्दर्शन न करानेके लिये केवल टाल मटोल कर देती है। रावसाहबके प्रश्नों पर विचार करनेसे स्पष्ट हो जाता है कि बम्बई सरकारने उनकी अधीरताका दुरुपयोग किया है और जनताको उन कई आव-श्यक बातोंके सम्बन्धमें एकदम अंधेरेमें रखना चाहा है। उनमेंसे कितनेही प्रश्न ऐसे हैं जिनका सम्बन्ध प्रत्यक्ष घटनासे है और कितने ऐसे हैं जो विवादग्रस्त हैं जिन्हें किसी न किसी प्रकार अशान्तिका कारण माना जा सकता है और उन्हींके भाधार पर उन उपयोंको जांच हो सकती है जो उनको शान्त करनेके लिये प्रयोग किये गये थे। पर खेद है कि राव. साहबने इन विषयों पर जानकारीके लिये सब प्रश्नोंको एकमें ही मिला दिया और उस घातको भूलही गये । इसका परिणाम यह हुआ कि बम्बई सरकारको टाल मटोल करनेका अवसर मिल गया।