पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/२९६

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झूठ कि लापरवाही

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(जनवरी ७, १९२०)

कररका तार है कि मिस्टर स्वान के प्रश्न का उत्तर देते हुए मिस्टर माण्टेगू ने कहा था:---कांग्रेस चाहती थी कि जबतक हण्टर कमेटी जांच कर रही है तब तक के लिये सभी मार्शल लाके कैदी बिना किसी शर्त के जमानत पर छोड़ दिये जायं । पर उनकी मांग पूरी नहीं की गई इसीलिये उन्होंने जांच कमेटी का वहिष्कार किया।" हमारी समझ में नहीं आता कि मिस्टर माण्टेगू के उपरोक्त बयान में जो परस्पर विरोधी भाव हैं उनकी जिम्मेदारी किस पर है? मिस्टर माण्टेगू पर कि रुटरपर । पर भटर इतनी भारी बात नहीं दबा सकता। क्योंकि कांग्रेस कमेटी की मांग थी कि हण्टर कमेटी को जांच के समयतक उन प्रधान नेताओं को छोड़ दिया जाय जो मार्शल लाके शिकार बन कर जेल में भर दिये गये हैं। इसमें सन्देह करने की कोई बात नहीं कि जिस समय मिस्टर माण्टेगू ने मिस्टर स्वान के उपरोक्त प्रश्न का उत्तर दिया था उनके पास सधी घटनावली का संवाद पहुंच गया था, क्योंकि १७ नवम्बर १९११ को पण्डित माल-वीयजी ने उनके पास निम्नलिखित तार भेजा था:---“कामन्स सभा में कर्नल बेजबुड के प्रश्नों का आपने जो उत्तर दिया है उसका,