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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३१२

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पंजाबकी दुर्घटना

बड़े लाटके वापिस बुला लिये जाने के विषयमें हमारा मत कमेटी के सदस्य से पूरी तरहसे मिलता है। इस निर्णय पर पहुंचनेमें हम लोगों को हादिक दुःख हुआ है। हम लोगोंको पूर्ण विश्वास है कि बड़े लाट महोदय सुशिक्षित तथा सभ्य अंग्रेज है और हृदय से भारत की भलाई चाहते हैं और सदा न्याय करने के लिये चिन्तित सौर सचेष्ट रहते हैं। पर बड़े लाट के उच्च पदके लिथे केवल इतने ही गुण यथेष्ठ नहीं है। लार्ड चेम्स्फोर्डन अदूरदर्शिता का प्रथम परिचय दिया है । उन्होने भारतके शासनमे उपनिवेशों के गवनरोंकासा आचरण किया है जिनकी प्रत्येक कार्यवाही मन्चियोंके अदेशानुसार हाती है । जो अपनी धारणाके अनुसार कोई काम नही कर सकता और जिसे केवल उपनिवे. शोंकी नीति पर चलना पड़ता है अर्थात् स्वशासित उपनिवेशोंके गवर्नर शासनके कार्यमे मन्त्रियों पर किसी बातके लिये दबाव नहीं डाल सकता, केवल उन्हें सलाह मात्र दे सकता है। जनना के विचारों को माफिक बनाने के लिये वह किसी तरह के बल प्रयोग का माहस नहीं कर सकता बल्कि सामाजिक तथा अर्ध राजनैतिक सम्मेलनों में उनके साथ मिल जुलकर उनसे मैत्री करता है और उस मैत्री प्रभाव से अपना काम निकालना चाहता है। लार्ड चेम्स्फोर्डमें ये गुण अवश्य है पर जिन गुणों के कारण उपनिवेशों का गवर्नर योग्य और चतुर समझा जायगा तथा सफल होगा वे ही गुण लार्ड चेम्स्फोर्डको बड़े लाटके पद के लिये अयोग्य प्रमाणित करते हैं । भारतके बड़े लाटके हाथमें अतुल