पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३१७

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बडे लाटकी कार्य क्षमता

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( अकटूबर ६, १९२० )

श्रीमती सरोजनी नायडू ने भारत सरकार पर विद्रोह के दिनों में पंजाब की स्त्रियों के अपमान करने का दोषारोपण किया है। इस आक्षेपका प्रतिवाद करते हुए बडे लाटने भारत मन्त्री मिसर मांटेगूके पास तार भेजा है। श्रीमती सरोजनी नायडू ने इस प्रतिवाद का उत्तर भी दिया है। बड़े लाटने अपनी जिम्मेदारो के जितने भी काम किये हैं, उनको जिस तरह निबाहा है उसे देखकर यही कहना पड़ता है कि जिस महान पद पर ये बैठाये गये हैं उसके वे सर्वथा अयाग्य हैं। श्रीमती सरोजनी नायडू ने जितने आक्षेप बड़े लाटके ऊपर किये हैं उनसे हो उनकी (बड़े लाटकी ) हीनताका पूरा परिचय मिल जाता है। हम अपनी ओरसे उसमें एक शब्द भी जोड़ना नहीं चाहते। पर हम पाठकोंका ध्यान उन चन्द प्रधान आक्षेपों की ओर आकृष्ट करेंगे जिन्हें बड़े लाटने सर्वथा उपेक्षासे देखा है। बड़े लाटने लिखा है कि वेश्याओंको गवाहियों का कोई मूल्य नहीं हो सकता, क्योंकि उनका पेशा इतना हेय है कि वे किसी तरह भी प्रतिष्ठा और आदरके योग्य नहीं। हम भी थोड़ी देरके लिये स्वीकार करते है कि उनके बयानको स्वीकार नहीं करना