उचित था। पर मनियांवाला की स्त्रियों के बयान के संबंध
बड़े लाट महोदय को क्या कहना है क्योंकि उनके चरित्रपर
ता कोई दोषारोपण नहीं किया गया है। हम यहांपर मङ्गल
जाटकी विधवा पत्नी गुरुदेवी के बयान को अक्षरशः उद्धत कर
देते हैं। इस बयानको अन्य अनेक स्त्रियों ने तसदीक किया है ।
उनका बयान इस प्रकार है:---
"मार्शल लाके दिनों में एक दिन मिस्टर वस्वर्थ स्मिथने ८
वर्ष से अधिक अवस्था के सभी आदमियों को डक्का डल्ला बङ्गले में इकट्ठा किया। यह बङ्गला हमारे गांव से नजदीक ही है। यह
बटोर जांचके लिये हुई थी। जब सब आदमी बङ्गलेपर पहुच गये ता वह घोड़े पर सवार होकर हमारे गांव की तरफ आये और रास्ते में जितनी स्त्रियां मिलीं सबोंको अपने साथ लौटा लाये। ये स्त्रियां अपने आदमियोंका भोजनादि लेकर बंगले की तरफ ही जा रही थीं। गांव मे पहुंचकर वह गली गली घूमा और सब स्त्रियोका घरों से बाहर निकल आने के लिये कहा, जो यों नहीं निकल आती थीं उन्हें कोड़ों की मार से बाहर करता था। उसने हम लोगोंको दायराकी तरहखड़ा किया। स्त्रियां हाथ जोहे खड़ी थीं। वह बराबर बुरी बुरी गालियां देता रहा, उन लोगोके मुहपर थका और कितनो-को वेने जमाई। दो बेंत हमें भी जमाई और मेरे मुंहपर थूक दिया। उसने जबदस्ती हम लोगोंका मुंह खोलाया, यहां तक
कि अपनी छड़ीसे हम लोगोंका चूंघट हटाता रहा।"