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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४१९

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तुर्कीका प्रश्र्न


उदाहरण पेश करते हैं और बतलाते हैं कि छोटे छोटे संयुक्त राज्योंने कोलम्बियाका अपनी बैठकके लिये उपयुक्त स्थान चुना था। पर प्रजातन्त्रकी घोषणाके बाद अमरीकाकी जो अवस्था थी उससे राष्ट्रसङकी अवस्था एकदम भिन्न है।क्षइसके अतिरिक्त मिस्टर अमीर अलीके शब्दों में हम भी उन महानुभावोंसे पूछते हैं कि आप लोग जरूसलमको क्यों नहीं यहज्ञ श्रेय देते ? राष्ट्रसङकी राजधानी बनानेके हेतु तुर्कोको राजधानीको उसके हाथोंसे छीन लेने के लिये जो दलीलें पेश की जा रही हैं, उनसे बढ़कर अनुचित और न्यायशन्य युक्ति संसारके इतिहासमें कहीं नहीं मिलेगी राष्ट्रसंघके बाद भिन्न भिन्न छोटे राज्योंके गुटसे बना साम्राज्य ग्रेट ब्रिटन है। तो क्या हमलोगोंने लण्डन नगरको इस संयुक्त राज्यकी राजधानी बनाकर इसको घही रूप दिया है जो हम कुस्तुन्तूनियाको राष्ट्रसङ्गकी राजधानी बनाकर देना चाहते हैं ? क्या हमलोगोंने इसे भी प्रत्येक राज्यके लिये स्वतन्त्र कर दिया है ? जो बात छोटे छोटे राज्योके गुटमें संभव नहीं हो सकी उसे इतने भारी भारी राष्ट्रोंको गुटमें चरितार्थ करनेकी चेष्टा उद्दण्डतापूर्ण है और इसमें कमा भो हाथ नहीं डालना चाहिये । किसी प्राचीन राष्ट्रीयताका नाश करके इस तरहका प्रयास केवल अदूरदर्शितापूर्ण ही नहीं बल्कि अन्याय पूर्ण भी है ।

हमारे मुसलमान भाइयोंकी उचित मांगपर जो इस तरह- की अनेक निरर्थक दलोले पेश की गई हैं उनसे व्यक्त है कि उनके सामने बड़ा भारी बोझ पड़ा है।

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