पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४४

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प्रतिनिधि भेजा। पहला प्रतिनिधि मण्डल १८८६ में गया और दूसरा प्रतिनिधि मण्डल एक वर्ष बाद गया। श्रीयुत डबल्यू. सी० बोनर्जी और दादा-भाई ने तो इलैण्ड को अपना घरसा बना लिया और कुछ समय के बाद दादा-भाई ने पार्लमेण्ट में भी प्रवेश किया। इङ्गलैण्ड में कांग्रेस कमेटी को स्थापना की गई और कांग्रेसने ४५,००० रुपया उसके व्ययके लिये देना स्वीकार किया। १८९० में इण्डिया नामी समाचार पत्र प्रकाशित किया गया। इसके सम्पादक मिसर विलियम डिगबी बनाये गये। मिस्टर डिगधी भारतीयों के सञ् मित्र थे। उन्होंने इस रक्त शोषकी नीति की अनेक तरह से पोल खोलकर भारतीयों का बड़ा हो उपकार किया। इस निमित्त एक इण्डियन पार्लिमेण्ट कमेटी बनाई गई जो भारतीय प्रश्न पर उनका ध्यान आकृष्ट करे तथा उनमें दिलचस्पी दिलावे और भारतीयों के हितकी योजना करे तथा इण्डिया कौंसिल की कार्रवाइयों की देख रेख तथा आलोचना करे क्योंकि कांग्रेस के मतानुसार यह नौकर-शाहो के निशान का महा हो रही थी।

वेल्बी कमीशन

इङ्गौंड में इस तरह के जो आन्दोलन हुए उसका फल यह निकला कि बेल्बी साहब की अध्यक्षता में एक जांच कमीशन बैठी। लेकिन उसके अधिकार में कुछ ऐसे नियन्त्रण लया दिये गये कि उसकी उपयोगिता चली गई। खगीय गोखले,