पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४६८

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खिलाफतकी समस्या


मन्त्रीने स्पष्ट शब्दोंमें स्वीकार किया था कि एशिया माइनर और थेस प्रान्तमें अधिकांश तुर्क लोग रहते हैं। यदि यह अर्थ ठीक है तो मैं साहसके साथ कह सकता हूं कि प्रधानमन्त्रीने खुलमखुल्ला अपने वचनको भङ्ग किया है क्योंकि अब तुर्कों के हाथमें एशिया माइनर तथा थेसका कोई भी हिस्सा शेष नहीं रह गया है।

कुस्तुन्तूनियाको तुओंके हाथमें रखनेकी आवश्यकताके प्रश्न पर हम पहले ही अपना मत प्रगट कर चुके हैं। यदि कोई यह कहे कि सन्धिकी शर्तों द्वारा प्रधान मन्त्रीकी यह प्रतिक्षा भी ज्यों की त्यों रह गई है कि 'हम लोगोंका अभिप्राय है कि जिन प्रदे. शोंमें तुर्क जातियां हैं वे प्रदेश तुर्क साम्राज्यके अन्तर्गत रहें और कुस्तुन्तूनियां तुर्को को राजधानी रहे तो वह अपनी वुद्धिकी अविदग्धता और अपरिपक्वता प्रगट करता है। उस भाषणका यह दूसरा अवतरण है जिसे पढ़कर मिस्टर काण्ड- लरको सुना देना आवश्यक प्रतीत होता है।

"हम लोग इस बातपर हस्तक्षेप नहीं करते कि जिन प्रदे- शोंमें तुक जातियां बसी हैं उनमें तुर्को का ही राज्य रहे और कुस्तुन्तूनिया तुर्को की राजधानी रहे । पर चकि' भूमध्यसागर और काला समुद्रके मध्यका मार्ग अन्तर्राष्ट्रीय बना दिया गया है इसलिये हमारी समझमें मेसापोटामिया ( ईराक) सीरिया (ईरान ) और पलस्टाइन प्रान्तको अलग राष्ट्रीय व्यवस्था होनी चाहिये।"