पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४९५

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खिलाफतका अर्थ


लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया। उसकी इच्छा परम पवित्र थी, उसका आधार भी आत्मा थो, उसकी व्यवस्था स्वर्गीय थो, पर उसे मरना,पड़ा। पर ईश्वर ने उसे अपनी गोद में ले लिया। उसके प्राण त्याग को ही सर्व प्रधान स्थान दिया, उसे संसार का उद्धारक माना ।

सबसे बड़ी आवश्यकता प्रखर बुद्धि, दूरदर्शिता और राजनीतिज्ञताकी है। आपने अब्राहम लिंकन का जीवन चरित अवश्य पढ़ा होगा। आपको उनकी दिव्य दृष्टि, अटल सचाई उदारता, नम्रता, मनुष्यत्व तथा रसिकताका पर्याप्त प्रमाण मिला होगा।

मैं अपने मित्रोंसे बहुधा कहा करता हूं कि यदि आपको महात्मा गांधीके पक्ष की बातें सुनने का अवसर मिले और यदि आपको यह विदित हो जाय कि वर्तमान व्यवस्थामे भारतके साथ किस तरहका अन्याय हो रहा है, तब आपको विदित हो जायगा कि उनका विरोध उचित और सङ्गत है ।

प्रश्न यह है कि भारतकी वर्तमान बुराइयोंको दूर करने का सबसे उत्तम उपाय क्या है ? हड़ताल और हिंसा से उत्तेजना फैलती है, और बहुधा यह भी देखने में आया है कि असन्तोषक साथ जो उत्तेजना फैलती है उसका प्रभाव अपने लिये भी हानिकर होता है। यदि सद्भाव, मेल और शान्ति के साथ ऊपर उठना है तो सुधार किसी निर्दिष्ट सङ्गठनके अनुसार ही होगा। क्रान्तिके द्वारा उन्नति पाना शनैः विकासको कोटिमें नहीं आ