पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/५१

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माण्टेग घेम्स्फा सुधार

उनकी इस प्रकार की आशाको पल्लवित करने के लिये स्वाती के जलविन्दु की तरह भारत मन्त्री मिस्टर माण्टेगू की १९१७ की ४ की अगस्त की घोषणा थी:-ब्रिटिश साम्राज्य के अन्तर्गत भारत को पूर्ण स्वाधीनता मिलेगी। यह अधिकार भारतीयों के हाथ क्रमशः दे दिया जायगा। भारतके शासन में भारतीयों का अधिकाधिक हाथ रहने लगेगा। पर इस बातके निर्धारण का अधिकार ब्रिटिश पालिमेंट के हाथमें रहेगा कि यह अधिकार किस तरह से दिया जाय अर्थात् ब्रिटिश पार्लिमेंट योग्यता की जांच करके अधिकार देती जायगी। इसोके बाद ही १९१७-१८ के जाड़े में मिस्टर मांटेगू भारत भ्रमण करने के लिये आये। उनके इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य यह था कि वे भारत के प्रधान प्रधान नेताओं की राय लेकर सुधार के प्रथम चरण की योजना करना चाहते थे। इस निमित्त उन्होंने सारे भारतवर्ष में भ्रमण किया और लोगों से परामर्श किया। इस प्रकार सम्पूर्ण भारत का भ्रमण करके हर तरह लोगों का मत प्रहण करके तथा भिन्न भिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बातें सुनने के बाद भारत मन्त्री मिस्टर मांठेगू तथा लाड चेम्सफोर्ड ने सुधारों के लिये एक मसविदा तैयार किया जो जुलाई ६, १६१८ को प्रकाशित हुआ।

दिल्लीकी युद्ध कांफरेंस

१९१८के प्रारम्भ में युद्ध की अवस्था बड़ी ही चिन्ताजनक हो