पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/६१

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है। इसलिये इस समाका संवाद सुनते ही वे सदल बल तथा मशीन गनें लेकर उस स्थान पर जा पहुंचे। रामनवमी का दिन था। हिन्दुओं के लिये यह दिन बड़े महत्व का है। दूर दूर के देहाती लोग इस उत्सव को मनाने के लिये अमृतसर माये थे। इस लिये सभा स्थान में खासी भीड़ थी। सभा स्थल पर पहुंचने के तीस सेकेण्ड बाद ही जेनरल डायर ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया और जिन स्थानों पर सबसे अधिक भीड़ थी वही अधिक निशाने लगाये गये। इस प्रकार दस मिनिट तक अनवरत गोलियां चलती रहीं। जब गोली पारुद का सामान चुक गया तब उसने गोली चलाना भी बन्द कर दिया। प्रायः ६०० आक्ष्मी मारे गये और २००० के करीब घायल हुए। जलियावाला बाग के चारों ओर ऊंची दीवाले है इससे भाग कर रक्षा करना भी कठिन था। गोली चला. नेके पहले न तो किसी तरह की सूचना या चेतावनी दी गई और न बाद को मुर्दी और आहतों की फिकर की गई। इसके बाद ही अमृतसर, लाहोर, गुजरात और लायलपुर में मार्शल लाको घोषणा कर दी गई और आतङ्क का राज्य छा गया। मार्शल लोकी अदालत में लोग पकड़ पकड़कर लाये जाते और विना किसी जांच आदिके जेल भेज दिये जाते। धनी मानी किसी का विचार नहीं था। कितनों के चूतड़ों में बेत लगे, कितने पेट के बल रंगाये गये और अनेक तरह के भीषण अत्याचार किये गये। हवाई जहाजो पर सें लोगों पर बम को गये।