महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के कारण अहमदाबाद माधि खानाम भी उपद्रव मचा। मार्शल लाकी घोषणा की गई पर यह अधिक दिनतक नहीं कायम रहा।
मार्शल लोके जमाने में इतनी कड़ाई कर दी गई थी कि पजाब की घटनाओं का समाचार किसी भी तरह विदित नहीं हो सकता था। मार्शल लाके उठ जाने पर लोग पजाब गये और जो समाचार लाये उससे सारे भारत में शोक छा गया। पजाब के अत्याचारो की जांच के लिये जनता ने एक निरपेक्ष जांच कमीशन के लिये प्रार्थना की। किसी न किसी तरह उनकी प्रार्थना खीकार की गई और लार्ड हएटर की अध्यक्षता में जांच कमेटी बैठी। इस कमेटी ने अपनी कार्रवाई आरम्म भी न को थी कि भारत सरकार ने मार्शल लाके दोषो अपराधियों की रक्षा के लिये एक कानून बना दिया। कमेटी ने अपनी जांच शुरू की। गवाहों के जो बयान लिये गये उससे यही प्रगट होता था कि घोर पशुता और बर्बरता से काम लिया गया है। कांग्रेस कमेटी ने अपनी एक सबकमेटो बनाई थी जो जनता की मोरसे गवाहियां संग्रह करके हण्टर कमेटीके सामने रखती। इस काम में सुभीता पानेके हेतु कांग्रेस सब कमेटीने लार्ड हण्टर से प्रार्थना की कि कुछ समय के लिये पञ्जाब के प्रधान प्रधान नेता जमानत कर छोड़ दिये जायं। इससे जांच सुविधा होगी।