सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/७२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(६५)

मुसलमानों के प्रति अपने कर्तव्य का पूरी तरह से पालन नहीं किया है और प्रधान मन्त्री ने अपने वादों को जान बमकर लापरवाही और उदासीनता से काम लिया है, हत्या करने वाले सरकारी कर्मचारियों को किसी तरह का दण्ड नहीं दिया, पंजाब के प्रधान अपराधी सर माइकल आडायर की प्रशंसा की है, और लार्ड सभा में पंजाब के मामले पर जो विवाद हुआ उससे स्ष्ट़ प्रगट होता है कि उन लोगों की भारतीयो के साथ किसी तरह की सहानुभति नही है, और पञ्जाब में जा भीषण आतंक तथा करता पूर्ण अत्याचार किये गये थे उसके वे समर्थक हैं, इसलिए काग्रेस का यह दृढ मत है कि जब तक इन दोनों बुराइयों का प्रतिशोध नहीं हो जाता, देशमे किमी तरह सेमी शान्ति नहीं स्थापित हो सकती और राष्ट्र को मर्यादा स्थापित करने तथा भविष्य में इस तरहके अत्याचारों को रोकने का एकमात्र उपाय खराज्य को स्थापना है। कांग्रेस का यह भी दृढ़ मत है कि अब इन बुराईयों को दूर करने के लिये देश के हाथ में कोई दूसरा उपचार नहीं रह गया है सिवा इसके वह तब तक के लिये शान्तिमय, अहिंसात्मक असहयोग को खोकार करे जब तक ये बराईया दूर न हो जाये और स्वराज्य-न स्थापित हो जाय। इससे कांग्रेस का मत है कि:-(१)भारत के प्रत्येक उपाधिकारी अपनी उपाधियां त्याग दें तथा स्थानीय संस्थाओ में सरकार की कृपासे हुए पदों ने स्तीफा दे दें। (२) सरकारी दरबार सदि में न जायं, (३) सरकार से