पृष्ठ:योगवासिष्ठ भाषा (दूसरा भाग).pdf/१०

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श्रीः । विक्रय्य-वेदान्तग्रन्थाः । नमें की रु, आ. ?? ? । ब्रह्मसूत्र-( शारीरक ) शांकरभाष्यसहित, इसमे शाकरभाष्यकी गोविन्दराज कृत रत्नप्रभा, सर्वतन्त्रस्वतन्त्र वाचस्पतिमिश्रकृत भामती, आनन्दगिरिकृत न्यायनिर्णय यह तीनों टीकाये सयुक्त हे. ... ... ... १०-० । ब्रह्मसूत्र-( शारीरक ) * वेदान्तदर्शन " प्रभुदयालकृत वेदान्ततत्वप्रकाश | भाषाभाष्य समेत । मुमुक्षुओको अनिसुगमता सुबोध ज्ञानोपयोगी बहुत सरल भाषामे है, . , . . . . ६ ब्रह्मसूत्र-माब्वभाष्य श्रीमदानन्दतीर्थविरचित । जयतीर्य मुनिविरचित तत्त्वप्रकाशिकादीका सहित ••• • •••• •••• । ब्रह्मसूत्र-( वेदान्तदर्शन) भाष्यानुसार सरल भापाटीकामे हे .... .... भगवद्गीता-चिङ्घनानन्दी ‘‘गूढार्थदीपिका के भापाटीका | श्रीमत्परमहस पारि ब्राजकाचार्य पूज्यपाद श्रीस्वामी चिद्धनानन्दगिरिजी महोदयने सर्व सासारिक लोगोके उपकारार्थ‘श्रीमन्छकरभाष्य के अनुसार पदच्छेद-अन्वयाक-तथापदार्थसहित निर्माण किया है । यह मुमुक्षुगणोको अतिसरल सुबोधयुक्त | है तथा विलायती कपडेकी मनोहर जित्दबंधी हे.... ... भगवद्गीता--आनन्दगिरिकृत भोपाटीकासहित । जिसमे अन्वय करके भावार्थ * स्पष्ट कियागया. ••• ••••••••••••• २-० भगवद्गीता-सान्धय ब्रजभापा दोहासहित । अत्युत्तम ग्लेज कागज ... १-४ तथा रफ कागज, ... ... .... •••• • •• ६) भगवद्गीता-वैष्णव हरिदासजीकृत मायार्थ तथा दोहा चौपाइयोंमे ( परमान र न्दप्रकाशिका, ) .... । भगवद्गीता--( अमृततरगिणी भाषाटीका ) रघुनाथप्रसादकृत बडा अक्षर, ..., ६भगवद्गीता-अमृततरगिणी–दोहासहित भाषाटीका पाकिटबुक.... । भगवद्गीता-श्रीधरीटीका सहित ग्लेज कागज .... * " तथा रफ कागज. ... ... .. .... ०-१४ । । भगवद्गीता--विशिष्टाद्वैतमतानुयायी तत्त्वार्थसुदर्शनी टीका भाषाभाष्य सहित ॐ पञ्चनढीय प० सुदर्शनाचार्य शास्त्रिप्रणीत. . .. ... २-२ ??? ????