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श्रीहरिः
हमारा लक्ष्य
योगके जिस मार्गका यहाँ अवलम्बन किया जाता है उसका उद्देश्य अन्य योगमार्गोंसे भिन्न है। इस योगमार्गका लक्ष्य केवल सामान्य अज्ञ जगच्चेतनासे ऊपर उठकर परमात्मभावको प्राप्त होना ही नहीं है, प्रत्युत उस परमात्म-भावकी विज्ञानशक्तिको इस मन, बुद्धि, प्राण और शरीरके जडत्वमें ले आना, इनको दिव्य बना देना, इनमें भगवान्-
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