पृष्ठ:योग प्रदीप.djvu/१४

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श्रीहरिः हमारा लक्ष्य गके जिस मार्गका यहाँ अवलम्बन किया जाता है ZET उसका उद्देश्य अन्य योगमार्गोंसे भिन्न है । इस योग- मार्गका लक्ष्य केवल सामान्य अज्ञ जगच्चेतनासे ऊपर उठकर परमात्मभावको प्राप्त होना ही नहीं है, प्रत्युत उस परमात्म- भावकी विज्ञानशक्तिको इस मन, बुद्धि, प्राण और शरीरके जडत्वमें ले आना, इनको दिव्य बना देना, इनमें भगवान्- [३]