सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:रंगभूमि.djvu/७२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
७२
रंगभूमि


बच्चे गण्डों और ताबीजों से मढ़े हुए थे, उस पर भी आये-दिन झाड़-फूँक और राई-जोन की जरूरत पड़ा ही करती थी।

धर्म का मुख्य स्तंभ भय है। अनिष्ट की शंका को दूर कर दीजिए, फिर तीर्थ यात्रा, पूजा-पाठ, स्नान-ध्यान, रोजा-नमाज, किसी का निशान भी न रहेगा। मसजिदें खाली नजर आयेंगी, और मंदिर वीरान!

ताहिरअली को भय ने परास्त कर दिया। स्वामिभक्ति और कर्तव्य-पालन का भाव ईश्वरीय कोप का प्रतिकार न कर सका।