पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/१६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।

पत्रकार

( १ )

दोपहर का समय था। 'लाउड स्पीकर' नामक अँग्रेजी दैनिक समाचार पत्र के दफ्तर में काफी चहल-पहल थी। यह एक प्रमुख तथा लोकप्रिय पत्र था।

प्रधान सम्पादक अपने कमरे में मेज के सामने विराजमान थे। इनकी वयस पचास के लगभग थी।

इनके सन्मुख दो सहकारी सम्पादक उपस्थित थे। तीनों व्यक्ति मौन बैठे थे—मानो किसी एक ही बात पर तीनों विचार कर रहे थे। सहसा प्रधान सम्पादक बोल उठे—"रुपये का कोई विचार नहीं। रुपया चाहे जितना खर्च हो जाय; परन्तु केस का विवरण सब से पहले हमारे पत्र में प्रकाशित होना चाहिए।"

"यह बात सर्वथा रिपोर्टर के कौशल पर निर्भर है।"

"निस्सन्देह! यदि रिपोर्टर कुशल न हुआ तो रुपया खर्च करके भी कोई लाभ न होगा।" दूसरा सम्पादक बोला।

"खैर यह मानी हुई बात है कि बिना अच्छा रिपोर्टर हुए काम नहीं हो सकता। अपने यहाँ का कौन सा रिपोर्टर इस कार्य के योग्य है।"