सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:रघुवंश (अनुवाद).djvu/१५२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१०२
रघुवंश।

शासन और कुटुम्ब-पालन का काम उसी क्षण उसने अज को दे दिया; और, आप शान्ति-पूर्वक मोक्षसाधन के काम में लग गया। उसने यह उचित ही किया। सूर्य्य-वंशी राजाओं की यही रीति है। अपने कुल में राज्य-कार्य्य-धुरन्धर और कुटुम्ब-पोषक पुत्र होने पर, गृहस्थाश्रम में बने रहने की वे कभी इच्छा नहीं करते।