पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/९८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

रश्मि रेखा अस्थिर बने रहो तुम तारे अस्थिर बने रहो तुम तारे रहो तपकत कपत निशि दिन तुम ओ गगन दुलारे अस्थिर बने रहो तम तारे । कम्पन के झूले में भूलो सम्बर के उपवन में फूलो गुथे नैशमाला में विहँसो क्षण क्षण साँश सकारे मस्थिर बने रहो तुम तारे ।