पृष्ठ:रसकलस.djvu/४८२

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२३५ अनुभाव उदाहरण दोहा- मधुर वोलि सनमान करि सबको हित उर धारि । करति सदन को सुर - सदन सुर - ललना सी नारि ।। १ ।। ७-धैर्य - आत्मश्लाघा से युक्त अचचल मनोवृत्ति को धैर्य कहते हैं। उदाहरण दोहा- नव - प्रसून नावक वनै पावक मलय - समीर । परम धीर • अनुरागिनी हहै नाँहि अधीर ॥ १ ॥ पिय - मुख - चंद - चकोरिका जीहै पंथ निहार । सुधा - बिंदु होवै गरल वरसै इंदु अगार ॥२॥ स्वभावसिद्ध सात्त्विक अलंकार १-लीला प्रेम-वश प्रिया-प्रियतम का अन्योन्य-वेश-धारण लीला हाव कहलाता है। उदाहरण दोहा- लालन वनि वनि राधिका राधा बनि बनि लाल । विहॅसत बोलत बहु लसत ललकत करत निहाल ॥१॥ कवित्त सिखि-पच्छ सोह्यो सीस कुंडल-ललित कान जापै फवि फैली प्रभा अलक - समाज को। बंसी कर लसी वन - माल मोती - माल जोति कछु तीखी परी अखिया-सलाज की ।