पृष्ठ:रस मीमांसा.pdf/४३२

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शब्द-शक्ति ४ १२. ललित-अंगों को सुकुमारता से रखना ( नज़ाकत )। मद-सौभाग्य, यौवन आदि का गर्व-प्रदर्शन । कुट्ट-To abuse, to bruise, grind } [कुट्ट= निंदा . करना।] किल-Trifle, to play. [ किल= क्रीड़ा।] The distinction betiye11 करुण रस and करुण विप्रलंभ In करुण विप्रलंभ there is a hope of the deceasecl beloved coming into life by some agency: if where there is no such hope, there is [करुण रस और करुण विप्रलंभ में अंतर-करुण विप्रर्लभ में किसी शक्ति के द्वारा मृत प्रिय के फिर से जीवित होने की आशा रहती है । यदि कहीं इस प्रकार की आशा न हो तो करुण रस हो जाता है।]