पृष्ठ:रस मीमांसा.pdf/४५८

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परिशिष्ट उपादान लक्षणा ? In उपादान-लक्षणा the inclusion of वाच्यार्थ should be in the लाक्षणिक word. The लक्षणा is here in the राजकुमारी ( persons resembling TIGERHTCT in dignity ) not in a. प्रयोजन में गौणी सारोपा उपादान लक्षणा—सब नवाब ही तो जा रहे हैं किसको वतावे. रूढ़ि में सारोपा गौणी लक्षण-लक्षणा–गौडेंद्र कंटक को राजा निकाल रहा है. The word by the power of similarity is an GR of a harassing insignificant enemy. 44 is generally used for an enemy. प्रयोजन में सारोपा गौणी लक्षण-लक्षणा—वह आदमी बैल है. वह गऊ आदमी है. रूढ़ि में गौणी साध्यवसाना उपादान लक्षणा–कत्थर गदड़ सोते हैं-दुशालेवाले रोते हैं. प्रयोजन में गौण साध्यवसाना उपादान लक्षणी–एक हट्टी की ठठरी सामने आकर खड़ी हुई. | रूढ़ि में गौणी साध्यवसाना लक्षण-लक्षणा-कंटक दूर करो. प्रयोजन में , ,, ,, --एक वैल के मुँह क्या Anothe1: division of प्रयोजनवती लक्षण प्रयोजनवती लक्षण-are of two kinds गूढ़ and अगढ़ ३.GOOrding to the व्यंग्य being गृढ़ 01 अगूढ़. आपने बड़ा उपकार किया etc. is all Not so .. example of गूढ़. जगह , कोतवाली important tant is an example of art for the लक्ष्यार्थ of सिखाती है is easily intelligible.