पृष्ठ:राजसिंह.djvu/१५५

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राजसिंह [पहला विक्रमसिंह-महाराणा को आज सूर्यास्त तक यहाँ आ जाना चाहिये-मुझे ठीक समाचार मिला था-परन्तु वे अभी तक नहीं आये हैं, सूर्यास्त में अब सिर्फ दो घड़ी शेष हैं। बादशाह को भी आज रूपनगर के सिवाने पर आ जाना चाहिए था 1. पर वह भी अभी दूर है। यह क्या मामला है। देखू आज राजकुमारी की रक्षा कैसे होती है। (जाता है)