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पृष्ठ:राजसिंह.djvu/९९

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- राजसिंह [पहिला राजकुमारी-प्रण कीजिये कि आप पूरा करेंगे। रत्नसिंह-तुम मेरी भावी पनि हो कुमारी, तुम्हारी प्रतिज्ञा प्राण रहते अवश्य पूरी करूँगा। राजकुमारी-सुन कर परम सुख हुआ कुमार | मेरी प्रतिज्ञा है, मैं वीर पुरुष की पत्नी बनूगी। रत्नसिंह-तो क्या तुम्हें मेरी वीरता में सन्देह है ? राजकुमारी नहीं, पर मै आँखों से देखा चाहती हूँ। रत्नसिंह-आँखों से देखोगी, हाड़ी राजकुमारी । राजकुमारी-क्या रुष्ट हो गये राजकुमार, मूर्ख बालिका का अपराध क्षमा कीजिए। रत्नसिंह-(होंठ काटकर) अच्छी बात है कुमारी, वीरता प्रमाण देकर ही मैं तुम से व्याह करूंगा। ( तेजी से जाता है, पर्दा बदलता है) का . ---